नारायणं नमस्कृत्यं नरं चैव नरोत्तम।
देवीं सरस्वती चैव ततो जयमुदिरये।।
त्रैलोक्यराज्यमाक्षिप्य बालेरिन्द्राय यो ददौ।
श्रीधराय नमस्तस्मै छद्मवामनरूपिने।।
नारायणं नमस्कृत्यं नरं चैव नरोत्तम।
देवीं सरस्वती चैव ततो जयमुदिरये।।
त्रैलोक्यराज्यमाक्षिप्य बालेरिन्द्राय यो ददौ।
श्रीधराय नमस्तस्मै छद्मवामनरूपिने।।